परीक्षा निकट है । आपकी सुविधा के लिए कविता के शिल्प सौंदर्य या उसकी भाषिक विशेषताओं की सहायक सामग्री के रूप में प्रमुख अलंकारों का स्वरूप संक्षेप में स्पष्ट कर रहा हूँ ।
डॉ. रामरक्षा मिश्र
- अनुप्रास
जहाँ व्यंजन वर्णों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार
होता है ।
उदाहरण
तरनि तनूजा तट तमाल तरूवर बहु छाए ।
- यमक
जहाँ एक शब्द बार-बार आए किन्तु हर बार उसका अर्थ बदल जाए ।
उदाहरण
तीन बेर खाती थीं वे तीन बेर खाती हैं ।
- उपमा
जब किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषता बताने के लिए उसकी
समानता उस गुण में बढ़ी हुई किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति से की जाती है ।
उदाहरण
पीपर पात सरिस मन डोला ।
- उत्प्रेक्षा
जहाँ उपमेय और उपमान की समानता के कारण उपमेय में उपमान की
संभावना हो ।
उदाहरण
मानहुँ मदन दुंदुभी दीन्ही ।
मनसा विस्वविजय चहँ कीन्ही ।
- रूपक
जहाँ उपमेय में उपमान का निषेधरहित
आरोप हो ।
उदाहरण
मन का मनका फेर ।
- अतिशयोक्ति
जहाँ किसी गुण या स्थिति का बढ़ा
चढ़ाकर वर्णन किया जाय ।
उदाहरण
राणा ने सोचा इस पार
तब तक चेतक था उस पार ।
- अन्योक्ति
जहाँ किसी उक्ति के
माध्यम से कोई अन्य बात कही जाय ।
उदाहरण
नहिं पराग नहिं मधुर मधु
नहिं विकास इहि काल ।
अली कली ही सौं बध्यौं
आगे कौन हवाल ।
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